Banke bihari ji temple vrindavan बांके बिहारी के दर्शन करें तो आंखें बंद करने के बजाय उनसे नजरें मिलाएं, तब सफल होंगे दर्शन, जानिए क्यों
बांके बिहारी के दर्शन करें तो आंखें बंद करने के बजाय उनसे नजरें मिलाएं, तब सफल होंगे दर्शन, जानिए क्यों? भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के एकाकार रूप को स्वामी हरिदास ने बांके बिहारी का नाम दिया था। जानें मंदिर की विशेषताओं और मान्यताओं के बारे में। मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी का एकाकार रूप है बांके बिहारी। वृंदावन में बांके बिहारी का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां बांके बिहारी की एक झलक पाने के लिए देश विदेश से रोजाना हजारों लोग आते हैं। दर्शन के दौरान अधिकतर भक्त आंखें बंद कर भगवान का ध्यान करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि बांके बिहारी जाकर ऐसी भूल मत कीजिएगा, नहीं तो आपका यहां आना व्यर्थ हो जाएगा। आइए आपको बताते हैं हम ऐसा क्यों कह रहे हैं। इसलिए मिलाएं बांके बिहारी से नजरें कम लोग ही जानते हैं कि बांके बिहारी की मूर्ति बनाई नहीं गई थी बल्कि ये स्वामी हरिदास के अनुरोध पर प्रकट हुई थी ताकि अन्य लोग भी इसके दर्शन कर भगवान के साक्षात दर्शन कर उनका आशीर्वाद ले सकें। कहा जाता है कि ये मूर्ति किसी धातु की नहीं बल्कि लकड़ी की है। भगवान कृष्ण और माता राधा प्रेम के अधीन